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Chapter 2: बनारस की शिवानी,.....

जहा अर्नव और अवनी की कहानी खतम हुई आज फिर से 28 साल बाद किसी की इश्क और जुनून की दास्तान शुरू होने जा रही है,...जहा ब्लैक डेविल की मौत के बाद दुनिया आज़ाद हुई वही 28 साल बाद फिर से एक गैंगस्टर के नाम से दुनिया कापती है,.....

शिवानी बनारस मैं रहने वाली एक आम सी लड़की थी ,.....लेकिन पूरा बनारस उससे शिवि के नाम से जानता था,....अगर किसी पुरोहित से भी उसके घर का पता पूछ लो तो वो भी सीवी के बारे मैं जानता था,...

शिवानी की उमर 21 साल,...गोरा रंग,..स्लिम फिगर,...भूरी आंखें,....लाल होठ,....सुंदर इतनी की पूरा बनारस फिदा है उस पर,...कहते है बनारस की हवाओ प्रेम का जादू है ,.... यहां जो भी आता है खाली हाथ नही लौटता,.... यहां की गलियों मैं जो सुकून है वोह और कही नहीं,...

सुबह के 7 बजे,.....

सीवी बिटिया ज़रा पानी लाके देना,.....दिनेश जी ने आवाज दी तोह अंदर से एक प्यारी आवाज आई,.....आई बाबा,.....दिनेश जी ने देखा,.....शिवानी गुलाबी रंग की साड़ी पहने हाथ मैं पूजा की थाली लिए पूजा घर से आ रही थी,.....शिवानी दिनेश जी के पास आई और रसोई घर मैं काम कर रही जया जी से बोली ,...मां बाबा को पानी दे दो मैं पूजा के लिए मंदिर जा रही हु,.....यह कह शिवानी ने दिनेश जी को देखा और मुस्कुराके बोली,....बाबा आज माफ कर देना हम थोड़ी जल्दी मैं है,.....

यह कह शिवानी ने दिनेश जी के पैर छुए और दिनेश जी मुस्कुरा के उससे आशीर्वाद देते हुए बोले,.....कोई बात नही बिटिया,....पानी तो पीनी है,.....शिवानी उनके पैर छू बाहर तेज़ कदमों के साथ बाहर जाते हुए बोली,..बाबा पियूष से हमारे पकौड़े बचाके रखिएगा नही तोह वोह हमारे पकौड़े भी खा जायेगा,...हम जल्दी आते है,....यह कह शिवानी वहा से निकल गई और दिनेश जी अपना सर हिलाते हुए खुद से बोले,....इस लड़की का हम कुछ नहीं कर सकते,.....दिनेश जी का कपड़ो का बिजनेस था,....उनकी एक दुकान थी जिसमें तीन कर्मचारी काम करते थे,.....

शिवानी की मां का नाम जया जैसवाल है

शिवानी के बाबा का नाम दिनेश जैसवाल है

शिवानी का छोटा भाई पियूष जैसवाल है

शिवानी पूजा की थाली लिए घाट के पास आई और रुद्राली से बोली,.....सॉरी रूडी यार माफ करदे वोह साड़ी पहने मैं वक्त लग गया,.... रुद्राली गुस्से से बोली,... तू कभी नहीं सुधरेगी,.....शिवानी मुस्कुराके बोली,....अब चल भी देख भोलेनाथ हमारा इंतजार कर रहे,....यह कह शिवानी रुद्राली को तानते हुए सिरियो से ऊपर लेजाने लगी,.....

शिवानी और रुद्राली बचपन के बोहोत अच्छे दोस्त है ,.... वोह दोनो जीतना एक दूसरे को जानते है उतना तो उनके परिवार वाले भी नहीं जानते,.....

शिवानी और रुद्राली दोनो मंदिर के अंदर गए,.....शिवानी ने पुरोहित जी को देखा तोह कहा,....काका सख्सी कैसी है,...उसकी पढ़ाई ठीक चल रही है,....पुरोहित जी मुकुराते हुए बोले,.....बिटिया तुम्हारी वजह आज हमारी बिटिया स्कूल जा पा रही है इससे बेहतर और क्या होगा,...अगर उस दिन तुमने स्कूल मैं फीस न भरे होते तोह आज हमारी बिटिया स्कूल से कबका निकल चुकी होती,.....शिवानी ने पुरोहित जी के पैर छुए और बोली,....काका हमने कुछ नहीं किया भोलेनाथ जी ने कहा हमने कर दिया,....वैसे भी हमारी अम्मा कहती है सब कुछ मैं पीछे हो जाओ चलेगा लेकिन पढ़ाई मैं किसी से पीछे मत रहो,.....

पुरोहित जी ने उससे आशीर्वाद दिया तोह रूद्राली ने भी पैर छुए और कहा,....काका हमारी सीवी के लिए भगवान से कहिएगा की एक अच्छा सा पति लाके दे इसे,.....यह सुनते ही शिवि ने पीछे से रुद्राय को मारा और उससे तान कर सिवलिंग के पास ले गई और पूजा की थाली नीचे रख शिवलिंग पर दूध,दही,पानी से अभिषेक करने लगी,..... वोह दोनो ने शिवलिंग पर पूजा किया फिर वोह दोनो हाथ मैं पूजा की थाली लिए सिरियो से नीचे उतरने लगी,...

तभी शिवानी की नजर कुछ लड़को पर गई जो बाइक पर बैठे लड़कियो को ताड़ रहे थे,....शिवानी  रुद्राली को लेकर वहा आई और उन लड़को से बोली,...सालो तुम्हे काम धाम नही है जो तुम लोग यह ताड़न बाज़ी कर रहे हो,।।।। उन लड़को की नजर जब शिवानी पर गई तोह उस मैं से एक लड़के ने कहा,....अरे हम तो यहां बस बैठ कर बातें कर रहे थे दीदी,...हमारी कहा हिम्मत जो हम बनारस की शेरनी के मुंह मै हाथ डाले,.... रुद्राली बोली,....साला खुद तो 18 साल के लड़के हो और ताड़ रहे हो 20 साल की लड़की को,....यह सुन शिवानी ने रुद्राय को घूर कर देखा जिससे देख रुद्राली अपना मुंह बंद कर दूसरी तरफ़ घूम गई,....

शिवानी ने दोनो हाथ अपनी कमर पर रख उन लड़को को देखते हुए बोली,....बेटा तुम लोग अगर यहां हमे छिछोरो की तरह आवारा गर्दी करते दिख गए न तो कसम भोलेनाथ की वही लापड़िया देंगे तुम सबको,....और हा हमे ज्यादा चपड़ चपड़ करना पसंद नहीं है इसलियो जल्दी से अपना बोरिया बिस्त्रा बांधो और यह से चलते बनो ,.....उसने इतना ही कहा था की वोह सारे लड़के तुरंत अपनी बाइक लेकर निकल लिए,.... रुद्राली हस्ते हुए शिवानी के कंधो पर अपना हाथ रख बोली,....शिवि सारी बातें तो ठीक थी लेकिन तूने यह गलत कहा की टू चपड़ चपड़ पसंद नही करती,.....

शिवानी और रुद्राली आगे चलते हुए बातें करने लगी,..... रुद्राली ने कहा,.... सीवी तू इन सबकी तो नइया पार लगाने से रही एटलेस्ट इतना ही बता दे की तेरी नईया कैसे पार लग सकती है,...हमारा मतलब है तुझे कैसे पति चाहिए,.....शिवानी कुछ सोचते हुए बोली,....पति ऐसा होना चाहिए जो मेरी सुने ,....जो बेहद क्यूट हो और मुझसे बात करने वाला हो लेकिन जब मैं बोलूं तो वो चुप चाप मेरी बात सुने,.....उसकी पहली प्रायोरिटी हम हो,....उसका अंदाज़ बिलकुल एक दोस्त की तरह हो,.....जो अपने से बड़ों का आदर करे,...जो किसी से भी झगड़ा न करके प्यार से बात सुलझाए,.....जो हमसे बेहद प्यार करे,..... रुद्राली यह सब सुन बोली,....अच्छा जी मतलब खुद लड़ाकिन हो और पति चाहिए भोला सा,.... रुद्राली सीधा देखते हुए मुस्कुराके बोली,...अब तू जैसा पति चाहती है वैसा तो पूरे बनारस मैं एक ही है ,....यह कह इशारा कर उससे सीधा देखने को बोली,....शिवानी ने सीधा देखा तोह शरमाते हुए उससे मरते हुए बोली,..... रूडी,..... रुद्राली टांग खींचते हुए बोली,....क्या रूडी मुझे पता है तू किसके बारे मैं अभी बोली है ,...यह सारे गुण तो हमारे प्रेम के अंदर ही है,.....वोह देख हमारी तरफ ही आ रहा है,.....

शिवानी उससे अपनी तरफ आता देख मुस्कुरा दी,.....प्रेम उन दोनो के पास आया और शिवानी से बोला,....तो आप दोनो की पूजा हो गई,....यह सुन रुद्राली प्रेम के कंधे पर अपने कोहनी को रख बोली,...पूजा तो हो गई लेकिन भोलेनाथ शिवि की प्रार्थना नहीं सुन रहे,.....बेचारी कबसे कबसे भोलेनाथ से,..... उसने इतना ही कहा था की शिवानी ने रुद्राली की कमर पर ज़ोर से छूटी काटी जिससे रुद्रली की चीख निकल गई,....शिवानी बोली,....इसकी बातो पे ध्यान मत दो तुम अपना बताओ होटल कैसी चल रही है,....प्रेम मुस्कुराते हुए बोला,...अच्छी चल रही है तुम बताओ आज तुम कॉलेज नही गई,....शिवानी ने कहा,....आज मन नहीं था,....वोह तीनो बातें करते हुए घाट के किनारे पर आ गए और सीरियो पर बैठ गए,...

प्रेम शिवानी को बचपन से जानता था,.....प्रेम 24 साल का स्मार्ट और हैंडसम लड़का था जिसकी इज्जत बनारस मैं बोहोत थी,....प्रेम बोहोत शांत और क्यूट सा लड़का था जिससे देख कोई भी लड़की अपना दिल हार सकती है,....वोह स्मार्ट होने के साथ साथ बोहोत हैंडसम भी था,....बचपन से ही वोह तीनो एक दूसरे के साथ खेलते कूदते बड़े हुए थे,.....प्रेम शिवानी का बोहोत खयाल रखता था,....उससे जब भी वक्त मिलता वोह शिवानी को लेने उसके कॉलेज चला जाता,.....

शिवानी भी उससे दिल ही दिल मैं बोहोत प्यार करती थी लेकिन दोनो इतने सरमाते थे की,.... उन दोनो ने कभी अपने प्यार इजहार ही नही किया,.....प्रेम का पूरा नाम प्रेम यादव था ,...वोह यादव परिवार का मजला बेटा था,....प्रेम के दो भाई थे,....एक उससे छोटा और एक उससे बड़ा,.....यादव परिवार का बोहोत बड़ा होटल बनारस मैं था जिसमें बड़े बड़े लोग ठहरते थे,.....यादव परिवार की जैसवाल परिवार से अच्छी बनती थी,.....इसलिए यादव परिवार को शिवानी भी बोहोत पसंद थी ,.....आखिर होती क्यों न शिवानी इतनी सुंदर थी और ऊपर से वोह बड़ो का आदर करती थी,.....

उन तीनो ने कुछ देर बातें की फिर 1 घंटे बाद वोह तीनो अपने घर चली गई,.....शिवानी अपने घर आई तो देखा पियूष पकोड़े खा रहा था,.....शिवानी गुस्से से उससे घूरते हुए बोली,....तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुम फिर से आज हमारे पकोड़े खा गए रूको हम तुमको बताते है यह कह,.....शिवानी पूजा घर मैं जाकर पूजा की थाली रखी और आंगन मैं पड़े झाड़ू को उठाकर पियूष को दिखाते हुए बोली ,....आज हमने तुम्हारे पकौड़े नहीं बनाए न तो बनारस हमे शिवि न बुलाए,...यह कह वोह पियूष की तरफ़ बढ़ी तो पियूष खटिया से उठकर भागने लगा और शिवानी उसके पीछे भागने लगी,.....

शिवानी गुस्से से बोली,....रूको तुम आज तुम्हे हम नहीं छोड़ेंगे,.....कुर्सी पर बैठे दिनेश जी बोले,... अरे शिवि बिटिया तुम्हारे लिए तुम्हारी मां अलग से पकोड़े तल कर रसोई मैं रखी है,... फिक्र न करो ,.....शिवानी पियूष को दो झाड़ू मार कर बोली,....लेकिन बाबा इसने तो मेरे पकौड़े समझ कर ही खाए है तभी तो यह भागा,....पियूष बाहर भागते हुए बोला,....जा रहे है प्रेम भईया के पास आपकी शिकायत करने,.....शिवानी गुस्से से झाडू फेकते हुए बोली,....साला तुम घर आना फिर बता रहे है तुमको,....जब देखो प्रेम की माला जपते हो,.....

जया जी थाली मैं पकौड़े लाते हुए बोली,....ले तेरे पकौड़े खा ले,.....शिवांश पकौड़े देख खुशी से जया जी के गले लग उसके गाल पर किस करते हुए बोली,...पूरे बनारस मैं हमारी जैसी अम्मा कही नहीं मिलेगी,..... जया जी मुस्कुराते हुए बोली,...बस बस तेरे मक्खन लगाने हो गए हो तो अब खा ले,.....यह कह वोह वापस से रसोई मैं चली गई,....और शिवानी मज़े से पकोड़े खाने लगी,.....वही इन सब से अनजान शिवानी,...जिसपर हर वक्त कोई उस पर नजर रखे हुए है,....

दूसरी तरफ,...

Canada के ottawa City के सबसे बड़े और billionaires  रघुवंशी मेंशन ,...के luxuries study room के सोफे पर बैठा एक आदमी,...लैपटॉप मैं अपनी उंगलियां चला रहा था,....और उसके पास मैं खड़ी उसकी P.A (अलीना )

उस आदमी को काम करते हुए देख रही थी,.....अलीना ने कहा,.... बॉस आपसे मिलने कोई बाहर आया है,....उस आदमी ने अपने उंगली से भेजने का इशारा किया,....अलीना अपना सर झुकाई और फिर वहा से बाहर आई,.....

बाहर आते ही 20 मिनट लगा उससे नीचे आने मैं,... रघुवंशी मेंशन था ही ऐसा,....बोहोत बड़ा और भूलभुलायिया जैसा जहा कोई भी गुम हो सकता है,.....लेकिन अलीना रास्ता अच्छे से जानती थी,....वोह उस बड़े और आलीशान हॉल मैं आकर एक आदमी से बोली,...आपको बॉस से मिलने उनके स्टडी रूम मैं चलना होगा,....यह सुन उस आदमी ने अपना सर हिलाया और अलीना के साथ उस आदमी के स्टडी रूम के पास आया,....आलिया स्टडी रूम के चोखट पर खड़ी सर झुका कर बोली,....बॉस वोह आ गए है,....अलीना की आवाज़ उस स्टडी रूम गूंजने लगी,....

अलीना से काफी दूर एक सोफे पर बैठा वोह आदमी जो कुछ देर से लैपटॉप मैं काम कर रहा था,।।।।उसने फाइनली कुछ कहा,....कमिंग,...उस आदमी की पावरफुल आवाज पूरे स्टडी रूम मैं गुज गई,....दरअसल स्टडी रूम इतना बड़ा था की कोई भी अगर धीरे बोले तो उस स्टडी रूम मैं गुजने लगे,.....जब अलीना ने अपने बॉस की भारी और कड़क आवाज सुनी तो वोह अंदर आई और उसके साथ वोह आदमी भी,.....अलीना सोफे पर बैठे आदमी के पास जाकर खड़ी हो गई,.....

अलीना के साथ आए आदमी ने उस आदमी को ग्रिड करते हुए कहा,....हेलो मिस्टर कियान,..... कियान रघुवंशी जो अपने लैपटॉप पर कोई डिटेल्स देख रहा था ,.... उस ने लैपटॉप से अपनी नज़रे हटाई और उस आदमी को देखा और धीरे लेकिन पावरफुल आवाज़ मैं कहा,.....speak fast what you want to say,..... यह सुन उस आदमी ने कहा,.....हमारे बॉस चाहते है की आप यह दुश्मनी खतम करदे और बॉस और आप एक साथ पटनर शिप करले,.....कियान ने अपनी आंखों से अपने चस्मे मैं को निकाला और सामने ही बड़े से कांच के टेबल पर रख दिया,.....

Name- कियान रघुवंशी,....age -27,.... रंग गोरा ,..... Height -6 फीट 2 इंच,...,..dominating, powerfull and gracefull personality,....well shapped masculer body ,...handsome and good looking man...रघुवंशी इंडस्ट्रीज का एक लोटा मालिक ,....

कियान ने एक पैर पर दूसरा पैर रखा और अपने पॉकेट के अंदर हाथ डाल कर उस आदमी को देखते हुए अलीना से बोला,...जुबान बोहोत तेज है,...इसकी जुबान काट दो,....यह कह वोह उस आदमी से बोला,....मुझे आदत नहीं मेरे घर पर कोई मेरे सामने किसी और को बॉस बुलाए,....यह कह अलीना को इशारा किया तोह अलीना ने एक रिमोट लिया और बटन प्रेस किया ,....बटन प्रेस करते ही कुछ गॉर्ड अंदर आए और उस इंसान को घसीटते हुए बाहर ले गए,....

_________________________डियर रीडर्स

तो आज का (एक इश्क एक जुनून) सीजन 2 का फर्स्ट एपिसोड कैसा लगा कमेंट मैं जरुर बताए ,.....और क्या लगता आपको आगे क्या होगा,....जब यह दो लोग अलग पर्सनेलिटी के एक साथ मिलेंगे तो क्या होगा,.....


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