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Pyar ke kyi rang Pyar ke kyi rang original

Pyar ke kyi rang

Author: Anchal_Kumari_1848

© WebNovel

Chapter 1: chapter 1

जयपुर

 एक सुंदर सा घर जिसके अंदर जाते ही राइट साइड में एक सुंदर सा बगीचा जिसमें सुंदर सुंदर फूलों के गमले रखे हुए हैं वहां रंग बिरंगे फूल लगे हुए हैं जिसमें ज्यादातर गुलाब के ही फूल है उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था बगीचे की बहुत अच्छे से देखभाल किया जाता है तभी तो इतना सुंदर बगीचा था जिसमें एक झूला लगा हुआ था गेट के लेफ्ट साइड में एक डॉगी हाउस था जिसे बड़े प्यार से डिजाइन किया गया था जिस पर लिखा था रॉकस्टार गेट के सीधे जाते हैं थ्री स्टेप सीढ़ी चढ़कर एक खुला बरामदा जहां 3 चेयर और एक टेबल रखा हुआ था साथ ही एक पिंजरा लटका हुआ था जिसके अंदर एक प्यारा सा तोता जिसका नाम  मिस्टी  था वह" अधु अधु" की रट लगाए हुए था।

घर के अंदर का नजारा 

  एक 35 से 40 साल की औरत एक कमरे के अंदर आते हुए आवाज लगाती हैं "अधु उठ जा बेटा ये लड़की भी ना दुनिया इधर की उधर हो जाए लेकिन यह लड़की ना इतनी देर से उठने की आदत कभी नहीं सुधरेगी और फिर लेट होने पर मुझसे शिकायत लगाएगी कि मैंने पहले क्यों नहीं उठाया दो बार उठा कर चली भी गई अभी तक इसकी नींद ही पूरी नहीं हुई है अधु उठ जा बेटा चल उठ जा बेटा मंदिर जाना है भूल गई क्या" केहकर उस औरत ने खिड़की से पर्दा हटाया तो पड़ता हटते ही सूरज की रोशनी उस सोती हुई लड़की के चेहरे पर पड़ी उसने अपने मुंह पर चादर डालते हुए कहा "मम्मा प्लीज 5 मिनट" तो यह थी हमारी कहानी की नायिका आराध्या और उसे उठाने वाली उसकी मां गायत्री।

गायत्री- 5 मिनट 5 मिनट करके एक घंटा हो गया चल उठ जा बेटा 8:00 चुके हैं

अराध्या - क्या 8:00 बज चुके हैं( फिर अपनी आंखें मत लेते हुए घड़ी की तरफ देखकर )लेकिन मैंने तो 7:00 बजे का अलार्म लगाया था तो बजा कैसे नहीं?

गायत्री- क्योंकि वह भी सो रहा था ना, पागल लड़की बजा नहीं है सुना नहीं तेरे अलार्म से तो आसपास के लोग भी जाग जाए लेकिन मजाल है कि तेरी नींद खुली चल जा जल्दी से तैयार हो जा (बातों बातों में गायत्री जी ने पूरा रूम सेट कर दिया फिर वह कमरे के बाहर चली गई

बाहर जाकर वह हॉल में गई जहां जाकर वह पूजा  में लगने वाले सामान और दान के समान देखने लगी तभी पीछे से एक लड़की आकर उनके गले लग कर कहा "गुड मॉर्निंग मां" यह थी आराध्या की छोटी बहन अदिति।

अदिति- मां मैं आपकी कोई हेल्प करूं

गायत्री- गुड मॉर्निंग! और रही बात हेल्प की तो वह तो तुमने पहले ही कर दिया है हां एक हेल्प कर दे जा जाकर देख तेरी दी अभी भी सो तो नहीं गई

अदिति- मां आप चिंता मत करो दी तैयार हो रही होंगी ना अभी आती होंगी

गायत्री- हां हां तुम्हारी दी कहां लेट उठती है वह तो सूरज महाराज के आने से पहले ही उठ जाती है और फिर....

गायत्री जी आगे कुछ कहती उससे पहले ही और अदिति कहती है

अदिति- मां मै दी को बुला कर आती हूं

गायत्री जी उसे जाता देख मुस्कुरा देती है और फिर अपने कामों में लग जाती है।

अदिति कमरे में आते हुए "दी कहां हो आप रेडी हो गई चलिए मां इंतजार कर रही है  दी "(तभी बाथरूम का दरवाजा खुलता है और हमारी आराध्या बाहर आते हुए)

अराध्या- छोटी हमारा दुपट्टा देखना कहां है हमें मिल ही नहीं रही जल्दी देना वरना लेट हो जाएगा( खुद ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ कर तैयार होने लगती है वैसे तो हमारी आराध्या को मेकअप का ज्यादा शौक नहीं था पर उसके आंखों में काजल हमेशा रहता था बड़ी-बड़ी आंखों में काजल होठों पर हल्का पिंक लिपस्टिक एक हाथ में चूड़ियां एक में घड़ी लंबे काले बाल जिसे खुला छोड़ा है और स्टोन वाली बिंदी लगा रखी थी और हल्के आसमानी रंग का अनारकली पहना हुआ था एकदम किसी राजकुमारी की तरह लग रही थी)

अदिति- (दुपट्टा देते हुए)दी ये रहा आपका दुपट्टा सामने ही तो था

अराध्या- अच्छा चल अब वरना मम्मा हमें लेने आ जाएंगी

अदिति- दी 1 मिनट

अराध्या- क्या है छोटी

अदिति- (काजल हाथों में लेते हुए आराध्या के कान के पीछे लगाते हुए कहती हैं )अरे मेरी दी इतनी सुंदर लग रही है कहीं किसी की नजर लग गई तो इसलिए

अराध्या( स्माईल करते हुए)- हां यह तो है लेकिन अगर ऐसी बात है तो काले टीके की जरूरत तुझे भी है( यह कहते हुए आराध्या अदिति के कान के पीछे काला टीका लगा देती है)

तभी उनके कानों में गायत्री जी की आवाज पड़ती है।

गायत्री- अरे बेटा जल्दी करो देर हो रही है पूजा के लिए( दोनों बहने एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देती है और बाहर आ जाती है)

अराध्या- मम्मा आप यहां क्या कर रही है जल्दी चलिए देर हो रही है (केहकर पूजा का सामान लेकर आगे बढ़ जाती है)

गायत्री जी पहले आराध्या को फिर अदिति को देखती है जो कि गायत्री जी को देखकर स्माइल कर देती है और फिर दान के समान को लेकर गायत्री जी के साथ बाहर आ जाते है। आराध्या को देखकर मिस्टी शुरू हो जाती हैं" अधु अधु"

अराध्या - हे मिस्टी गुड मॉर्निंग! (तभी गेट के बाहर केब आकर रुकती है) मिस्टी बाय जल्दी पूजा करके वापस आ जाएंगे तब तक घर का ध्यान रखना ओके

मिस्टी- ओके ओके( अदिति को देखकर मिस्टी मोटी मोटी करने लगती है)

अदिति- मिस्टी की बच्ची किस एंगल से मैं तुम्हें मोटी दिखती हूं खुद को देखो कितनी मोटी हो

मिस्टी- मोटी मोटी

अदिति- मां..

आराध्या तो बस दोनों को देखकर मजे ले रही होती है

गायत्री- बस करो चलो अब बहुत देर हो चुकी है( सारा सामान गाड़ी में रखवाती है

आराध्या - मम्मा हम तो चल रहे हैं लेकिन जिसके लिए यह पूजा रखी है वह कहां है हमारे बर्थडे बोय कहां है

गायत्री- अरे वो...

आराध्या -मम्मा दिस इज नॉट फेयर जिसके लिए पुजा है वहीं नहीं तैयार है और आपने हमें उठा दिया यह तो गलत है ना अदिति -( धीरे से) दी मां की पूरी बात तो सुन लेती

आराध्या अदिति की और प्रश्नवाचक दृष्टि से देखती है तभी गायत्री जी की आवाज उसके कानों में पड़ती है

गायत्री - आराध्या जी आपकी जानकारी के लिए हम आपको यह बता दें कि आपका छोटा भाई आपसे पहले उठकर अपने जन्मदिन के दिन तैयार होकर हमारा आशीर्वाद लेकर हमारी कामों में मदद करने के बाद यह गाड़ी भी उसने ही बुलवाया है

अराध्या का मुंह तो देखने लायक बन गया था और अपनी दी का मुंह बनता देख अदिति बोली

अदिति- मां वो तो ठीक है लेकिन  गोलु  है कहा

तभी एक लड़के की आवाज आती है जिसकी उम्र 18 से 19 लग रही थी

अंशुमन - हम यहां हैं

तीनों उस और देखती है और तीनों की आंखें बड़ी बड़ी हो जाती है गायत्री जी अपना सर पीट लेती है अदिति और आराध्या एक साथ हंसते हुए कहती है" बर्थडे तेरा है या उसका "क्योंकि हमारे अंशुमन बाबू को अपने डॉगी जैकी से कुछ ज्यादा ही प्यार था और उसे हीरो बनाने के चक्कर में खुद की कपड़े गंदे कर लिए थे जैसे बर्थडे उसका नहीं उसके डॉगी का हो।

गायत्री- अंशु बेटा क्या है यह सब और इसे क्यों लेकर आ रहा है

अंशु - मम्मा यह भी हमारे साथ चलेगा यह भी तो हमारा फैमिली मेंबर है ना

गायत्री-अंशु हम सब चले गए तो घर का ध्यान कौन रखेगा और फिर मिस्टी भी अकेली हो जाएगी इसलिए हम घर में पार्टी तो करेंगे ना फिर

अंशु - ओके मम्मा (अंशु जैकी को वापस घर छोड़कर वापस कैब के पास आ जाता है सभी गाड़ी में बैठकर मंदिर के लिए निकल जाते हैं मंदिर पहुंचकर गाड़ी से सामान निकाल कर वह लोग  मंदिर के अंदर जाते हैं तभी अराध्या को कुछ याद आता है और वह अपनी आंखें मिंच लेती है फिर आंखें खोल कर )

आराध्या- गोलू रुक

अंशु - याद आ गया आपको

अदिति और गायत्री जी स्माईल करते हुए आगे बढ़ जाती है

आराध्या -हां .. नही,, हमारा मतलब हम भूले कब थे जो हमें याद आएगा अच्छा वह सब छोड़ो (और अंशु को कसकर गले लगाते हुए )हैप्पी बर्थडे माय गोलू मोलू

अंशुमन -क्या दी आज मै पूरे 18 ईयर का हो गया अब तो मुझे गोलु मोलु बोलना छोड़िए सब क्या सोचेंगे

अराध्या- अच्छा जी  सब या फिर गर्लफ्रेंड हां

अंशु- (खींज कर )दी

आराध्या- अच्छा चल अब मम्मा वेट कर रही होंगी 

दोनों ऊपर चले जाते हैं।

💛🧡💙💜💚💖🧡💛💚💙❤💜❣️🧡💖💚 

 


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