i am alok kumar. i am new writer. And I hope you guys will support me. And my first novel is I AM BACK on pocket novel.My Facebook 🆔 is Alok KS and Insta 🆔 is Alokks32
2023-05-04 Joined India
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राम्या रात को जंगल में खड़ा था राम्या के सामने एक राक्षस खड़ा था राम्या उस राक्षस को देख कर कहा," परंतु आप मुझे उठाना क्यू चाहते है!." वो राक्षस राम्या को जवाब दिया," हे बालक इस प्रश्न का उतर मेरा महाराजा ही देंगे अर्थात मुझसे बार बार प्रश्न पूछ कर तुम मुझे जलील मत करो!." राम्या उस राक्षस से पूछा," परंतु आपसे तो मैं कुछ ऐसा तो नहीं पूछा जिसे आप जलील हो गय!." वो राक्षस गुस्सा होकर राम्या से पूछा," हे बालक मुझे तुम गुस्सा क्यों दिला रहे हो, तुम खुद मेरे महाराजा के सरण में चलोगे या फिर मैं उठा कर ले चालू!." राम्या उस राक्षस का बात सुन कर आश्चर्य से कहा," परंतु मेरी माता मेरी प्रतीक्षा कर रही है, मुझे जाना होगा!." वो राक्षस राम्या को गुस्सा से कहा," हे मूर्ख बालक तुम ऐसे नही मानोगे, मुझे ही उठाना परेगा तुमको!." वो राक्षस इतना कह कर राम्या की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। राम्या उस राक्षस से पीछे की तरफ हटने लगा और राम्या अपने आंख से आग का गोला निकाल कर उस राक्षस की तरफ छोड़ दिया। वो राक्षस भी अपने मूंह से जल निकाल कर राम्या का आग को बुझा दिया, वो राक्षस पूछा," हे बालक तुम अभी नादान हो युद्ध के लिए मुझे मत ललकारों!." राम्या उस राक्षस का बात सुन कर कहा," परंतु युद्ध के मैदान में, उम्र का लिहाज़ नही होता है!." वो राक्षस राम्या से कहा," तो तुम नही मानोगे मुझसे युद्ध करोगे!." राम्या उस राक्षस से कहा," परंतु मेरे पास तो समय नही है युद्ध करने के लिए, क्युकी मेरी माता मेरी प्रतीक्षा कर रही है!." वो राक्षस राम्या की बात सुन कर कहा," कैसे वर्तलाप कर रहे हो तुम, कभी युद्ध के लिए कहते हो तो कभी माता प्रतीक्षा कर रही है बोलते हो! यदि तुमको जाना है तो मुझसे पहले युद्ध करो!." राम्या उस राक्षस का बात सुन कर कहा," अवस्य, मैं तैयार हूं!." वो राक्षस राम्या का बात सुन कर जोर जोर से हसने लगा," हा.. हा.. हा... हा.. हा..!." राम्या उस राक्षस का हसी देख कर कहा," हे राक्षस अब युद्ध करोगे या ऐसे ही हस्ते रहोगे!." वो राक्षस राम्या से कहा," अवस्य बालक, परंतु तुम्हारा उम्र देख कर मुझे लिहाज हो रहा है! क्या तुम इस युद्ध को जीत पाओगे !." राम्या उस राक्षस से कहा ," पहले युद्ध तो चालू करो!." इतना कहते ही वो राक्षस अपने सकती से श्री राम का एक बाण छोड़ा, राम्या उस बाण को देख कर समझ गया की," ये बाण मेरे श्री राम का है!." वो बाण जैसे राम्या के पास आया, राम्या उस बाण को प्रणाम किया, उस बाण से श्री राम निकले और राम्या को आशीर्वाद देकर वही से लुप्त हो गय।
History · Alokks
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Origin:A voyage
History · Ramya1824